मरु उद्यान, जिसे अंग्रेज़ी में ओएसिस कहते है, रेगिस्तान के उस भाग को कहा जाता है जहां शीतलता और ताज़गी का अनुभव होता है। इसी तर्ज पर बिट्स पिलानी के सांस्कृतिक महोत्सव का नाम भी ओएसिस रखा गया है। जैसे मरू उद्यान रेगिस्तान की गर्मी से त्रस्त जीव को शीतलता प्रदान करता है उसी प्रकार ओएसिस भी पढ़ाई के बोझ तले दबे हुए छात्रों को मनोरंजन का एक अवसर प्रदान करता है। यहाँ हर छात्र की रुचि के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। चाहे वह नृत्य हो या संगीत, नाटक हो या अंगविक्षेप, सभी तरह की कलाओं का प्रदर्शन होता है। 96 घंटों तक लगातार चलने वाले इस महोत्सव में समय कम पड़ सकता है पर कार्यक्रम कम नहीं हो सकते। भारतीय और पश्चिमी संस्कृतियों का ऐसा मेल है ओएसिस जिसमें भाग लेने के लिए छात्र देश के अलग-अलग भागों से आते हैं। बिट्स के छात्रों के पास इन छात्रों से बहुत अधिक कारण है इस संस्कृति के महाकुंभ शामिल होने के लिए। उनके अपने ही महाविद्यालय में इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है|
इस वर्ष तो ओएसिस और भी ज़्यादा रोमांचक होने वाला है। इस वर्ष की थीम ही 90 के दशक पर आधारित है। छात्रों को इसके द्वारा अपने बचपन के उन खूबसूरत लम्हों को दोबारा से जीने का मौका मिलेगा। ओएसिस के कार्यक्रमों की लंबी सूची के प्रमुख नाम कुछ ऐसे हैं जिनका आयोजन होना ही अपने में बहुत बड़ी बात है। फिल्मों के सुप्रसिद्ध गायक बेनी दयाल ओएसिस में एक संगीत समारोह में प्रदर्शन करने वाले हैं। इसके योग में प्रसिद्ध संगीत कलाकार रघु दीक्षित भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रोनिक संगीत उत्सव-सनबर्न का आयोजन भी होने वाला है। अपनी विदुषी की कला के लिए देश भर में विख्यात ईस्ट इंडिया कॉमेडी से सौरभ पंत, साहिल शाह और सपन वर्मा जैसे विदूषक भी ओएसिस-2014 का भाग होंगे। यदि ये सब भी कम हो तो ओएसिस में इस वर्ष प्रॉम नाइट का आयोजन भी किया जा रहा है। युवाओं में यह कार्यक्रम काफी प्रसिद्ध होता है। इसके अलावा ओएसिस में नृत्य के बहुत से प्रकारों का ना केवल मुक़ाबला होने वाला है, अपितु जो छात्र नृत्य सीखने के इच्छुक है उनके लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी होने वाला है। अंगविक्षेप के प्रसिद्ध कलाकार निरंजन गोस्वामी भी ओएसिस में मुकाबलों को जज करने एवं कार्यशालाओं का आयोजन करने के लिए बिट्स आने वाले है। फैश-पी के विषय में कोई कैसे भूल सकता है। इस वर्ष ओएसिस का सबसे अधिक चर्चित कार्यक्रम फ़ैशन परेड ही है। शैली और खूबसूरती का जब मिलन होगा, तो नज़ारा देखने योग्य ही होगा। इसके अतिरिक्त भी ना जाने कितने ही कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले हैं। इस वर्ष ओएसिस अपने साथ मौज, मस्ती और मनोरंजन का पूरा साज-सामान अपने साथ समेटे हुए ला रहा है। आपको केवल उसमे शरीक होना है। तो सोचना क्या है, घर की याद को भूल जाइए और ओएसिस का जमकर लुत्फ उठाइये। 29 अक्टूबर की शाम को जब विभिन्न क्लब और डिपार्टमेंट ओएसिस की तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त थे तब सैक एम्फी में खेल सचिव अनिरुद्ध शर्मा की अध्यक्षता में बॉसम रिव्यू कमिटी का आयोजन किया गया| जैसा कि नाम से विदित है, इसका मुख्य उद्देश्य बॉसम के आयोजन के दौरान हुई विभिन्न छोटी-बड़ी गलतियों की समीक्षा कर अगले संस्करण में उनकी पुनरावृति रोकना एवं अच्छी योजनाओं को जारी रखने के लिए एक प्रक्रिया बनाना है| इस दौरान बॉसम से संबंधित सभी टीमों, क्लब्स और डिपार्टमेंट्स के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त भारी मात्रा में जी.बी.एम. भी मौजूद थी| इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी बिट्सियन जनता तक पहुँचाने हेतु हिंदी प्रेस क्लब के सदस्य वहाँ मौजूद थे| प्रस्तुत है बॉसम रिव्यू कमिटी के प्रमुख अंश:-
कार्यक्रम की शुरुआत में डिपार्टमेंट ऑफ फोटोग्राफी के प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार उन्होंने बॉसम में आउटस्टीज़ टीम के लिए टीम स्नैप की शुरुआत की थी| बॉसम में लगभग 9800 फोटो के जरिए 1,24,000 रुपये का योगदान देने पर उन्हें सभी उपस्थित लोगों ने सराहा| फिर एन.एस.एस. प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार जुनून के लिए वे ई.एस.पी.एन. को प्रायोजक के रूप में लाने में सफल रहे| एक तरफ जहाँ उन्होंने रेक-एन-ऐक की सराहना की तो दूसरी ओर वे इन्वेंटरी व सभागार की स्थिति से नाखुश भी नज़र आए| इलास ने भी अपने इवेंट बॉसम क्विज़ को सफलतापूर्वक आयोजित बताया| इस पर खेल सचिव द्वारा प्रतिभागिता पूछने पर उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि ‘इलास के इवेंट्स में प्रतिभागिता हमेशा कम ही रहता है|’ फिर डिपार्टमेंट ऑफ विजुअल मीडिया के प्रतिनिधि ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने अप्रैल में ही इंट्रो वेबसाइट लॉन्च कर दी थी| इसके अतिरिक्त मुख्य वेबसाईट, यू-ट्यूब और फेसबुक पर वीडियो के साथ–साथ उन्होंने इस बार कोड पंजीकरण प्रणाली का भी उपयोग किया| सह खेल सचिव रिक्की ने उन्हें अधिक भार के कारण काम जल्दी शुरू करने का सुझाव दिया| हालांकि ताई-क्वान्डो टीम के कप्तान पुलकित मुख्य वेबसाइट पर खेलों की सूची में शुरुआती कुछ दिन तक ताई-क्वान्डो न होने पर डी.वी.एम. से असंतुष्ट थे| मैट्रिक्स ने मैच स्क्रीनिंग को उनके क्लब से संबंधित न बता कर अगले संस्करण में आयोजन से इन्कार किया| खेल सचिव अनिरुद्ध शर्मा ने फायरवॉल्ज़ द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था की सराहना की और उन्हें बॉसम कंट्रोल्ज़ एवं पी.सी.आर. के साथ मिलकर नियम भंग करने पर दंड निर्धारण के दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा| इन्फॉर्मल्ज़ की समन्वयक रिषिका ने उनके इवेंट क्विडिच में कम प्रतिभागिता के लिए 80 रुपये के पंजीकरण शुल्क को जिम्मेदार ठहराया| बॉसम हिंदी प्रेस के सह समंवयक प्रांजल उनके ऑनलाइन इवेंट बॉसम फैंटेसी लीग के लिए कंट्रोल्ज़ द्वारा पूर्व सहमति के बावजूद भी विभिन्न मुकाबलों के नतीजे समय पर उपलब्ध न करवाने से खासा असंतुष्ट दिखे| इस पर खेल सचिव ने कंट्रोल्ज़ को आगे से जिम्मेदारी निभाने को कहा और उन्होंने बॉसम हिंदी प्रेस के दूसरे इवेंट स्पॉटलाइट को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए प्रांजल को अगले संस्करण में कमेंटरी से पहले संबंधित कप्तान से अनुमति लेने को भी कहा| खेल सचिव ने बिट्स फ़ायरफ़ॉक्स कम्युनिटी की बॉसम मैराथन और नवगठित माउन्टेनियरिंग एंड एडवेंचर क्लब की उनके इवेंट स्पार्टन-डैश के लिए प्रशंसा की| साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स टीम को उनके मुकाबले मैराथन के दौरान करवाने पर फटकार भी लगाई| एथलेटिक्स टीम के प्रतिनिधि ने भी बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा कांस्य पदक न देने के फैसले को एथलेटिक्स टीम का बताया जाने पर आपत्ति व्यक्त की| क्रिकेट टीम के कप्तान शालीन मनोचा ने बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा उन्हें 24 खिलाड़ियों की टीम हेतु सिर्फ 12 प्रमाण पत्र और 14 पदक देने का विरोध किया| इस पर बॉसम कंट्रोल्ज़ के समन्वयक शुभम गुप्ता ने कहा कि आउटस्टीज़ टीम को 15 खिलाड़ियों की ही अनुमति होती है तो बिट्स टीम को भी 15 पदक ही मिलेंगे| इसके जवाब में शालीन ने बताया कि घरेलू टीम में सर्वदा अधिक खिलाड़ी होते हैं| और जब कंट्रोल्ज़ ने खिलाड़ियों की सूची माँगी थी तब उन्होंने 24 नाम दिए थे उस वक्त उनको कोई आपत्ति नहीं थी| इस बात का फुटबॉल कप्तान रिषभ और हॉकी कप्तान मिलिंद शाह ने भी समर्थन किया| इस पर खेल सचिव ने उत्तर दिया कि इस संस्करण से पदकों की संख्या को मानकीकृत किया गया है| इस पर सभी कप्तानों ने असंतोष जताते हुए कहा कि इस बदलाव के विषय में उन्हें पहले ही सूचित किया जाना चाहिए था| समन्वय और संवाद की कमी से हुए इस मतभेद का अगले संस्करण में दुहराव रोकने हेतु खेल सचिव ने बॉसम कंट्रोल्ज़ को पदक वितरण हेतु मानक दिशा-निर्देश बनाने को भी कहा| सह-खेल सचिव आरुषि गर्ग ने फुटबॉल टीम की जर्सी के साथ व्यक्तिगत उपयोग हेतु एक अतिरिक्त जर्सी भी मँगवाई थी| इस पर फुटबॉल कप्तान रिषभ खासा नाराज थे जिस पर आरुषि ने अपनी गलती स्वीकार कर क्षमा माँगी| अंत में इस बार हुई विभिन्न गलतियों को अगले संस्करण में सुधारने के निश्चय के साथ बॉसम रिव्यू कमिटी का समापन हुआ और अधिकतर लोग फिर से ओएसिस के काम में संलग्न हो गए| जहाँ एक ओर सभी विद्यार्थी अपने घरों या कैम्पस में दिवाली की खुशियाँ मना रहे थे, वहीं दूसरी ओर एक दुर्घटना ने एक घर का चिराग छीन लिया| हाल ही में 22 अक्टूबर को मनाली में हुई एक सड़क दुर्घटना में बिट्स परिवार के एक सदस्य की असमय मृत्यु हो गई तथा एक सदस्य गंभीर अवस्था में हमारी दुआओं के सहारे है|
मुख्य वार्डन श्री चम्पक बरन दस के अनुसार 20-22 विद्यार्थियों का एक दल मनाली भ्रमण पर गया था, जिसमें से दो विद्यार्थियों ने रोहतांग पास के भ्रमण के लिए एक मोटरसाइकिल किराये पर ली थी, जो कि चलते वक़्त सड़क पर फिसल गई| इस हादसे में रवि तेजा(2013A7PS147P) व रघु रेड्डी(2013A3PS315P) गंभीर रूप से घायल हो गये| दोनों को मनाली स्थित एक मिशनरी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ रवि को मृत घोषित कर दिया गया| रघु को चंडीगढ़ पी.जी.आई. में स्थान्तरित कर दिया गया है जहाँ उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है| उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है, उनकी देखभाल के लिए उनके माता-पिता व परिजन चंडीगढ़ में हैं| वहीँ रवि की मृत देह उनके परिवारजन उनके गृहनगर विजयवाड़ा ले जा चुके हैं| कॉलेज प्रशासन की तरफ से श्री के.एन. दुग्गल जी एवं छात्र संघ अध्यक्ष साईं प्रणीत घायल छात्र के परिजनों से मिलने गए| बुद्ध भवन के अधीक्षक श्री सचदेव जी व ई.ई.ई. के प्रोफेसर श्री आनंद भी शोक जताने गये थे| मुख्य वार्डन सर के अनुसार सभी छात्रों ने आउटस्टेशन फॉर्म में गलत जानकारी दी थी कि वे दिवाली के अवसर पर घर जा रहें हैं| उनका मानना है कि छात्रों को और सतर्क रहना चाहिए था| पहाड़ी इलाकों में खुद बाइक न चलाकर एक चालक रख लेना चाहिए था| बहरहाल कॉलेज में एक शोकसभा का आयोजन किया गया था| श्री दास ने सभी को यही सलाह दी कि अगर विद्यार्थी किसी यात्रा पर जाएँ भी तो अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें व लापरवाही बिल्कुल न बरतें| संकट की इस घडी में हम सब ये ही प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर दोनों छात्रों के परिवारों को हिम्मत प्रदान करे| अभी हाल ही में 9 अक्टूबर को सुबह 8 बजे FD 3 में रसायनशास्त्र की प्रयोगशाला में लगी आग बिट्स के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण घटना रही। इस घटना की विस्तृत जानकारी हिंदी प्रेस क्लब ने मुख्य वार्डन श्री चम्पक बरन दास से ली। आग लगने का मुख्य कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि एक समिति का गठन किया गया है जो अभी कारणों का पता लगा रही है। उड़ती हुई अफवाहों को ख़ारिज करते हुए उन्होंने कहा कि किसी छात्र की गलती के कारण आग नहीं लगी है। असल तो उन दिनों मध्य-सत्रीय परीक्षा चल रही थी जिस कारण प्रयोगशाला में कोई छात्र था ही नहीं। आग कहाँ तक फैली, इमारत को आर्थिक एवं संरचनात्मक क्षति कितनी हुई एवं नवीकरण में कितना समय लगेगा आदि पर चर्चा भी गठित समिति ही कर रही है। सी.बी.डी. सर ने बताया कि समिति अभी कार्यरत है एवं उपरोक्त प्रश्नों के जवाब अभी उपलब्ध नहीं हैं।
आग का प्रभाव आसपास की अन्य प्रयोगशालाओं एवं कक्षों पर भी पड़ा है। आग जल्द ही फ़ैल गई थी एवं रसायनों का जहरीला धुँआ उठने लगा था। तुरंत ही स्थानीय प्रशासन को बुलाया गया। आग जटिल थी एवं विशेषज्ञों की आवश्यकता भी थी। CEERI से भी एक दल रवाना हुआ जिसने प्रशंसनीय सहायता प्रदान की। बिट्स के रसायनशास्त्री भी एकत्रित हुए एवं घटनाक्रम का जायज़ा लिया। अग्नि रोकथाम के प्रयास चलते रहे जो अगले दिन तक चले। 10 अक्तूबर की सुबह तक आग पर काबू पाया जा सका। गौरतलब है कि कोई भी चोटिल नहीं हुआ एवं इमारत समय पर ही खाली कर ली गई थी। श्री चम्पक बरन ने बताया कि दिल्ली से संरचना विशेषज्ञ भी बुलाए गए हैं जो पुनर्निर्माण का कार्य संभाल रहे हैं। अंदाजे के अनुसार तो ओएसिस के बाद प्रयोगशाला सुचारु रूप से चालित हो जाएँगी। चूँकि इस तरह की घटना पहली बार हुई है, संस्थान के लिए यह एक सबक के समान है। संस्थान से जुड़े सभी व्यक्तियों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। इस तरह की अचानक आई समस्या का निवारण कठिन होता है परन्तु सावधानी बरतने से ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है| बिट्स पिलानी में 16 से 21 अक्तूबर के अंतराल में दान उत्सव मनाया गया। यह उत्सव बिट्स के छात्रों द्वारा चलित गैर-सरकारी संस्थान “निर्माण” ने आयोजित किया था। इस उत्सव के दौरान बिट्स पिलानी कैम्पस के लोगों तथा आसपास के क्षेत्र जैसे बास, नट्बस्ती एवं हरीनगर के लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन किए गए थे।
इस उत्सव का आरंभ उद्घाटन समारोह से हुआ। मुख्य अतिथि के तौर पर बिट्स के वाइस चान्सलर श्री बी.एन. जैन तथा उनकी पत्नी श्रीमति मधु जैन उपस्थित हुए थे। “मंज़िल मिस्टिक्स” नामक गायक मंडली ने शानदार संगीत कार्यक्रम से महफिल जमाई थी। इस उत्सव के मुख्य आकर्षण थे “विश ट्री”, “डे ऑफ जॉय” और “हौर ऑफ जॉय”। “हौर ऑफ जॉय” के अंतर्गत बिट्स के छात्रों एवं अध्यापकों को निर्माण के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में आमंत्रित किया गया। “डे ऑफ जॉय” में अमला बिरला केंद्र के बच्चों के लिए एक मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बिट्स के 1985 बैच के छात्रों का पुनर्मिलन समारोह भी इसी दौरान होने के कारण इस समारोह में बिट्स के पुराने छात्रों ने भी भाग लिया। एक अल्युमनाई ने कहा “मुझे निर्माण की कहानी के विषय में जानकार बहुत गर्व हुआ। निर्माण में काम करने वाले छात्रों की लगन सराहनीय है। ऐसी सामाजिक ज़िम्मेदारी भारत के छात्रों में जगानी चाहिए।“ निर्माण 2005 में बिट्स के छात्रों द्वारा शुरू किया हुआ एक गैर सरकारी संगठन है जो कि पिलानी के आसपास के क्षेत्रों में विकास के लिए कार्यरत है। शिक्षा, रोज़गार, सामाजिक विकास तथा तकनीकी शिक्षा जैसे क्षेत्रों मे निर्माण की योजनाएँ केन्द्रित हैं। इसके साथ-साथ दान उत्सव जैसे समारोह के द्वारा कॉलेज के छात्रों मे सामाजिक ज़िम्मेदारी की भावना जगाते हैं। निर्माण के स्वयंसेवक के सहयोग से “जॉय ऑफ गिविंग वीक” सफल रहा। |
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August 2015
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