29 अक्टूबर की शाम को जब विभिन्न क्लब और डिपार्टमेंट ओएसिस की तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त थे तब सैक एम्फी में खेल सचिव अनिरुद्ध शर्मा की अध्यक्षता में बॉसम रिव्यू कमिटी का आयोजन किया गया| जैसा कि नाम से विदित है, इसका मुख्य उद्देश्य बॉसम के आयोजन के दौरान हुई विभिन्न छोटी-बड़ी गलतियों की समीक्षा कर अगले संस्करण में उनकी पुनरावृति रोकना एवं अच्छी योजनाओं को जारी रखने के लिए एक प्रक्रिया बनाना है| इस दौरान बॉसम से संबंधित सभी टीमों, क्लब्स और डिपार्टमेंट्स के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त भारी मात्रा में जी.बी.एम. भी मौजूद थी| इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी बिट्सियन जनता तक पहुँचाने हेतु हिंदी प्रेस क्लब के सदस्य वहाँ मौजूद थे| प्रस्तुत है बॉसम रिव्यू कमिटी के प्रमुख अंश:-
कार्यक्रम की शुरुआत में डिपार्टमेंट ऑफ फोटोग्राफी के प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार उन्होंने बॉसम में आउटस्टीज़ टीम के लिए टीम स्नैप की शुरुआत की थी| बॉसम में लगभग 9800 फोटो के जरिए 1,24,000 रुपये का योगदान देने पर उन्हें सभी उपस्थित लोगों ने सराहा|
फिर एन.एस.एस. प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार जुनून के लिए वे ई.एस.पी.एन. को प्रायोजक के रूप में लाने में सफल रहे| एक तरफ जहाँ उन्होंने रेक-एन-ऐक की सराहना की तो दूसरी ओर वे इन्वेंटरी व सभागार की स्थिति से नाखुश भी नज़र आए| इलास ने भी अपने इवेंट बॉसम क्विज़ को सफलतापूर्वक आयोजित बताया| इस पर खेल सचिव द्वारा प्रतिभागिता पूछने पर उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि ‘इलास के इवेंट्स में प्रतिभागिता हमेशा कम ही रहता है|’
फिर डिपार्टमेंट ऑफ विजुअल मीडिया के प्रतिनिधि ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने अप्रैल में ही इंट्रो वेबसाइट लॉन्च कर दी थी| इसके अतिरिक्त मुख्य वेबसाईट, यू-ट्यूब और फेसबुक पर वीडियो के साथ–साथ उन्होंने इस बार कोड पंजीकरण प्रणाली का भी उपयोग किया| सह खेल सचिव रिक्की ने उन्हें अधिक भार के कारण काम जल्दी शुरू करने का सुझाव दिया| हालांकि ताई-क्वान्डो टीम के कप्तान पुलकित मुख्य वेबसाइट पर खेलों की सूची में शुरुआती कुछ दिन तक ताई-क्वान्डो न होने पर डी.वी.एम. से असंतुष्ट थे|
मैट्रिक्स ने मैच स्क्रीनिंग को उनके क्लब से संबंधित न बता कर अगले संस्करण में आयोजन से इन्कार किया| खेल सचिव अनिरुद्ध शर्मा ने फायरवॉल्ज़ द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था की सराहना की और उन्हें बॉसम कंट्रोल्ज़ एवं पी.सी.आर. के साथ मिलकर नियम भंग करने पर दंड निर्धारण के दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा| इन्फॉर्मल्ज़ की समन्वयक रिषिका ने उनके इवेंट क्विडिच में कम प्रतिभागिता के लिए 80 रुपये के पंजीकरण शुल्क को जिम्मेदार ठहराया|
बॉसम हिंदी प्रेस के सह समंवयक प्रांजल उनके ऑनलाइन इवेंट बॉसम फैंटेसी लीग के लिए कंट्रोल्ज़ द्वारा पूर्व सहमति के बावजूद भी विभिन्न मुकाबलों के नतीजे समय पर उपलब्ध न करवाने से खासा असंतुष्ट दिखे| इस पर खेल सचिव ने कंट्रोल्ज़ को आगे से जिम्मेदारी निभाने को कहा और उन्होंने बॉसम हिंदी प्रेस के दूसरे इवेंट स्पॉटलाइट को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए प्रांजल को अगले संस्करण में कमेंटरी से पहले संबंधित कप्तान से अनुमति लेने को भी कहा|
खेल सचिव ने बिट्स फ़ायरफ़ॉक्स कम्युनिटी की बॉसम मैराथन और नवगठित माउन्टेनियरिंग एंड एडवेंचर क्लब की उनके इवेंट स्पार्टन-डैश के लिए प्रशंसा की| साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स टीम को उनके मुकाबले मैराथन के दौरान करवाने पर फटकार भी लगाई| एथलेटिक्स टीम के प्रतिनिधि ने भी बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा कांस्य पदक न देने के फैसले को एथलेटिक्स टीम का बताया जाने पर आपत्ति व्यक्त की| क्रिकेट टीम के कप्तान शालीन मनोचा ने बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा उन्हें 24 खिलाड़ियों की टीम हेतु सिर्फ 12 प्रमाण पत्र और 14 पदक देने का विरोध किया| इस पर बॉसम कंट्रोल्ज़ के समन्वयक शुभम गुप्ता ने कहा कि आउटस्टीज़ टीम को 15 खिलाड़ियों की ही अनुमति होती है तो बिट्स टीम को भी 15 पदक ही मिलेंगे| इसके जवाब में शालीन ने बताया कि घरेलू टीम में सर्वदा अधिक खिलाड़ी होते हैं| और जब कंट्रोल्ज़ ने खिलाड़ियों की सूची माँगी थी तब उन्होंने 24 नाम दिए थे उस वक्त उनको कोई आपत्ति नहीं थी| इस बात का फुटबॉल कप्तान रिषभ और हॉकी कप्तान मिलिंद शाह ने भी समर्थन किया| इस पर खेल सचिव ने उत्तर दिया कि इस संस्करण से पदकों की संख्या को मानकीकृत किया गया है| इस पर सभी कप्तानों ने असंतोष जताते हुए कहा कि इस बदलाव के विषय में उन्हें पहले ही सूचित किया जाना चाहिए था| समन्वय और संवाद की कमी से हुए इस मतभेद का अगले संस्करण में दुहराव रोकने हेतु खेल सचिव ने बॉसम कंट्रोल्ज़ को पदक वितरण हेतु मानक दिशा-निर्देश बनाने को भी कहा| सह-खेल सचिव आरुषि गर्ग ने फुटबॉल टीम की जर्सी के साथ व्यक्तिगत उपयोग हेतु एक अतिरिक्त जर्सी भी मँगवाई थी| इस पर फुटबॉल कप्तान रिषभ खासा नाराज थे जिस पर आरुषि ने अपनी गलती स्वीकार कर क्षमा माँगी|
अंत में इस बार हुई विभिन्न गलतियों को अगले संस्करण में सुधारने के निश्चय के साथ बॉसम रिव्यू कमिटी का समापन हुआ और अधिकतर लोग फिर से ओएसिस के काम में संलग्न हो गए|
कार्यक्रम की शुरुआत में डिपार्टमेंट ऑफ फोटोग्राफी के प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार उन्होंने बॉसम में आउटस्टीज़ टीम के लिए टीम स्नैप की शुरुआत की थी| बॉसम में लगभग 9800 फोटो के जरिए 1,24,000 रुपये का योगदान देने पर उन्हें सभी उपस्थित लोगों ने सराहा|
फिर एन.एस.एस. प्रतिनिधि ने बताया कि इस बार जुनून के लिए वे ई.एस.पी.एन. को प्रायोजक के रूप में लाने में सफल रहे| एक तरफ जहाँ उन्होंने रेक-एन-ऐक की सराहना की तो दूसरी ओर वे इन्वेंटरी व सभागार की स्थिति से नाखुश भी नज़र आए| इलास ने भी अपने इवेंट बॉसम क्विज़ को सफलतापूर्वक आयोजित बताया| इस पर खेल सचिव द्वारा प्रतिभागिता पूछने पर उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि ‘इलास के इवेंट्स में प्रतिभागिता हमेशा कम ही रहता है|’
फिर डिपार्टमेंट ऑफ विजुअल मीडिया के प्रतिनिधि ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने अप्रैल में ही इंट्रो वेबसाइट लॉन्च कर दी थी| इसके अतिरिक्त मुख्य वेबसाईट, यू-ट्यूब और फेसबुक पर वीडियो के साथ–साथ उन्होंने इस बार कोड पंजीकरण प्रणाली का भी उपयोग किया| सह खेल सचिव रिक्की ने उन्हें अधिक भार के कारण काम जल्दी शुरू करने का सुझाव दिया| हालांकि ताई-क्वान्डो टीम के कप्तान पुलकित मुख्य वेबसाइट पर खेलों की सूची में शुरुआती कुछ दिन तक ताई-क्वान्डो न होने पर डी.वी.एम. से असंतुष्ट थे|
मैट्रिक्स ने मैच स्क्रीनिंग को उनके क्लब से संबंधित न बता कर अगले संस्करण में आयोजन से इन्कार किया| खेल सचिव अनिरुद्ध शर्मा ने फायरवॉल्ज़ द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था की सराहना की और उन्हें बॉसम कंट्रोल्ज़ एवं पी.सी.आर. के साथ मिलकर नियम भंग करने पर दंड निर्धारण के दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा| इन्फॉर्मल्ज़ की समन्वयक रिषिका ने उनके इवेंट क्विडिच में कम प्रतिभागिता के लिए 80 रुपये के पंजीकरण शुल्क को जिम्मेदार ठहराया|
बॉसम हिंदी प्रेस के सह समंवयक प्रांजल उनके ऑनलाइन इवेंट बॉसम फैंटेसी लीग के लिए कंट्रोल्ज़ द्वारा पूर्व सहमति के बावजूद भी विभिन्न मुकाबलों के नतीजे समय पर उपलब्ध न करवाने से खासा असंतुष्ट दिखे| इस पर खेल सचिव ने कंट्रोल्ज़ को आगे से जिम्मेदारी निभाने को कहा और उन्होंने बॉसम हिंदी प्रेस के दूसरे इवेंट स्पॉटलाइट को एक अच्छी शुरुआत बताते हुए प्रांजल को अगले संस्करण में कमेंटरी से पहले संबंधित कप्तान से अनुमति लेने को भी कहा|
खेल सचिव ने बिट्स फ़ायरफ़ॉक्स कम्युनिटी की बॉसम मैराथन और नवगठित माउन्टेनियरिंग एंड एडवेंचर क्लब की उनके इवेंट स्पार्टन-डैश के लिए प्रशंसा की| साथ ही उन्होंने एथलेटिक्स टीम को उनके मुकाबले मैराथन के दौरान करवाने पर फटकार भी लगाई| एथलेटिक्स टीम के प्रतिनिधि ने भी बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा कांस्य पदक न देने के फैसले को एथलेटिक्स टीम का बताया जाने पर आपत्ति व्यक्त की| क्रिकेट टीम के कप्तान शालीन मनोचा ने बॉसम कंट्रोल्ज़ द्वारा उन्हें 24 खिलाड़ियों की टीम हेतु सिर्फ 12 प्रमाण पत्र और 14 पदक देने का विरोध किया| इस पर बॉसम कंट्रोल्ज़ के समन्वयक शुभम गुप्ता ने कहा कि आउटस्टीज़ टीम को 15 खिलाड़ियों की ही अनुमति होती है तो बिट्स टीम को भी 15 पदक ही मिलेंगे| इसके जवाब में शालीन ने बताया कि घरेलू टीम में सर्वदा अधिक खिलाड़ी होते हैं| और जब कंट्रोल्ज़ ने खिलाड़ियों की सूची माँगी थी तब उन्होंने 24 नाम दिए थे उस वक्त उनको कोई आपत्ति नहीं थी| इस बात का फुटबॉल कप्तान रिषभ और हॉकी कप्तान मिलिंद शाह ने भी समर्थन किया| इस पर खेल सचिव ने उत्तर दिया कि इस संस्करण से पदकों की संख्या को मानकीकृत किया गया है| इस पर सभी कप्तानों ने असंतोष जताते हुए कहा कि इस बदलाव के विषय में उन्हें पहले ही सूचित किया जाना चाहिए था| समन्वय और संवाद की कमी से हुए इस मतभेद का अगले संस्करण में दुहराव रोकने हेतु खेल सचिव ने बॉसम कंट्रोल्ज़ को पदक वितरण हेतु मानक दिशा-निर्देश बनाने को भी कहा| सह-खेल सचिव आरुषि गर्ग ने फुटबॉल टीम की जर्सी के साथ व्यक्तिगत उपयोग हेतु एक अतिरिक्त जर्सी भी मँगवाई थी| इस पर फुटबॉल कप्तान रिषभ खासा नाराज थे जिस पर आरुषि ने अपनी गलती स्वीकार कर क्षमा माँगी|
अंत में इस बार हुई विभिन्न गलतियों को अगले संस्करण में सुधारने के निश्चय के साथ बॉसम रिव्यू कमिटी का समापन हुआ और अधिकतर लोग फिर से ओएसिस के काम में संलग्न हो गए|