प्लेसमेंट युनिट समन्वयक- वेंकट
प्रश्न : इस बार प्लेसमेंट्स का अवलोकन कैसा रहा?
उत्तर: इस सेमेस्टर प्लेसमेंट्स अच्छी रहीं। इस समय तक लगभग 90 प्रतिशत प्लेसमेंट्स हो चुकी हैं। हाल ही में जारी हुई एम.एच.आर.डी. रैंकिंग्स में पिछड़ने के बावजूद प्लेसमेंट्स पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। हालाँकि नॉन-कोर क्षेत्र में कुछ बड़ी कंपनियों के इंटर्नशिप मॉडल में परिवर्तित हो जाने के कारण न आने से पैकेज हर बार से कुछ कम ज़रूर रहे।
प्रश्न : प्लेसमेंट के लिए सी.जी.पी.ए. की क्या महत्ता है?
उत्तर: बहुत अच्छी सी.जी.पी.ए. प्लेसमेंट के लिए आवश्यक नहीं, किन्तु ख़राब सी.जी.पी.ए. प्लेसमेंट के लिए बहुत हानिकारक है। इस सेम में बचे हुए अनप्लेस्ड लोगों में लगभग सभी ख़राब सी.जी.पी.ए. के कारण ही प्लेस नहीं हो पाए हैं। 8 को एक सम्मानजनक सी.जी.पी.ए. कहा जा सकता है, किन्तु 7 से कम सी.जी.पी.ए. निश्चित रूप से कम है। इतने पर आपका आपकी मनपसंद कंपनियों के लिए आवेदन कर पाना भी संभव नहीं हो पाता।
प्रश्न : विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट की क्या विधि रहती है?
उत्तर: प्लेसमेंट के लिए सबसे पहले सभी कंपनियां ब्रांच या सी.जी.पी.ए. आधार पर एक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया रखती हैं। इसके बाद सभी एक टेस्ट आयोजित करती हैं और उसके आधार पर आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। नॉन-कोर में आपको 2-3 आम इंटरव्यू और फिर एच.आर. इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। आई.टी. में सभी कंपनियां पहले कोडिंग टेस्ट और फिर इंटरव्यू आयोजित करवाती हैं।
प्रश्न : पूरे सेमेस्टर में कंपनियों के आने का क्रम किस प्रकार होता है?
उत्तर: प्लेसमेंट्स का दौर जनवरी के पहले सप्ताह में 'कोर विंडो' से शुरू होता है। इसके बाद दो हफ़्तों में पहले कुछ आई.टी. और फिर नॉन-कोर कंपनियां आती हैं। इसके बाद सभी क्षेत्रों की कंपनियां अलग अलग समय पर आती रहती हैं। इस सेम कोर विंडो में अपेक्षाकृत कम कंपनियाँ आयीं किन्तु उसके अलावा बाकी समय में संतोषजनक कोर कंपनियां आयीं।
प्रश्न : प्लेसमेंट में पी.ओ.आर. का क्या महत्त्व होता है?
उत्तर: पी.ओ.आर. की प्लेसमेन्ट में कोई बड़ी भूमिका नहीं होती किन्तु इससे आपको इंटरव्यू में बहुत लाभ होता है। यदि आपने एक पूरे फेस्ट के दौरान एक क्लब या डिपार्टमेंट की कमान संभाली है तो यह आपकी नेतृत्व क्षमता और तनाव की स्थिति में निर्णय लेने की क्षमता का प्रमाण है। किसी कंपनी में काम करने के लिए इनकी बहुत ज़रुरत होती है।
प्रश्न : प्लेसमेंट के लिए सी.जी.पी.ए. की क्या महत्ता है?
उत्तर: बहुत अच्छी सी.जी.पी.ए. प्लेसमेंट के लिए आवश्यक नहीं, किन्तु ख़राब सी.जी.पी.ए. प्लेसमेंट के लिए बहुत हानिकारक है। इस सेम में बचे हुए अनप्लेस्ड लोगों में लगभग सभी ख़राब सी.जी.पी.ए. के कारण ही प्लेस नहीं हो पाए हैं। 8 को एक सम्मानजनक सी.जी.पी.ए. कहा जा सकता है, किन्तु 7 से कम सी.जी.पी.ए. निश्चित रूप से कम है। इतने पर आपका आपकी मनपसंद कंपनियों के लिए आवेदन कर पाना भी संभव नहीं हो पाता।
प्रश्न : विभिन्न कंपनियों में प्लेसमेंट की क्या विधि रहती है?
उत्तर: प्लेसमेंट के लिए सबसे पहले सभी कंपनियां ब्रांच या सी.जी.पी.ए. आधार पर एक एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया रखती हैं। इसके बाद सभी एक टेस्ट आयोजित करती हैं और उसके आधार पर आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है। नॉन-कोर में आपको 2-3 आम इंटरव्यू और फिर एच.आर. इंटरव्यू से गुजरना पड़ता है। आई.टी. में सभी कंपनियां पहले कोडिंग टेस्ट और फिर इंटरव्यू आयोजित करवाती हैं।
प्रश्न : पूरे सेमेस्टर में कंपनियों के आने का क्रम किस प्रकार होता है?
उत्तर: प्लेसमेंट्स का दौर जनवरी के पहले सप्ताह में 'कोर विंडो' से शुरू होता है। इसके बाद दो हफ़्तों में पहले कुछ आई.टी. और फिर नॉन-कोर कंपनियां आती हैं। इसके बाद सभी क्षेत्रों की कंपनियां अलग अलग समय पर आती रहती हैं। इस सेम कोर विंडो में अपेक्षाकृत कम कंपनियाँ आयीं किन्तु उसके अलावा बाकी समय में संतोषजनक कोर कंपनियां आयीं।
प्रश्न : प्लेसमेंट में पी.ओ.आर. का क्या महत्त्व होता है?
उत्तर: पी.ओ.आर. की प्लेसमेन्ट में कोई बड़ी भूमिका नहीं होती किन्तु इससे आपको इंटरव्यू में बहुत लाभ होता है। यदि आपने एक पूरे फेस्ट के दौरान एक क्लब या डिपार्टमेंट की कमान संभाली है तो यह आपकी नेतृत्व क्षमता और तनाव की स्थिति में निर्णय लेने की क्षमता का प्रमाण है। किसी कंपनी में काम करने के लिए इनकी बहुत ज़रुरत होती है और पी.ओ.आर. इस रूप में प्लेसमेंट में मददगार होते हैं।
प्रश्न : क्या यह बात सत्य है कि सेकंड सेम में कम और फर्स्ट सेम में अधिक कोर कपनियां प्लेसमेन्ट के लिए आती है?
उत्तर: जी हाँ, यह सत्य है किंतु यह केवल एक ट्रेंड है, जिसका कोई ठोस कारण नहीं है। हालाँकि इस बार पिछले वर्षों के सेकंड सेम से अधिक कम्पनियाँ आयीं किन्तु अब भी फर्स्ट सेम से कम ही रही। सकारात्मक बात यह है कि यह ट्रेंड अब कम होता जा रहा है।
प्रश्न : आजकल ऐसा सुनने में आता है कि मार्केट में बिट्सियन्स की साख कुछ कारणों से कम हो गयी है? क्या यह सत्य है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
उत्तर: किसी भी कॉलेज के छात्रों के लिए ऐसा होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, और बिट्स के मामले में यह सत्य है। पिछले कुछ समय में प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियों, विशेषकर कोर, ने यह देखा कि बिट्सियन्स संवाद के क्षेत्र में बहुत अच्छे हैं किंतु कहीं न कहीं तकनीकी ज्ञान में कुशल नहीं हैं। उनका यह भी कहना है कि बिट्सियन्स प्लेसमेंट्स में पूरी तरह से तैयार होकर नहीं आते हैं। यह एक गंभीर समस्या है जो आने वाले समय में यदि उचित कदम न उठाये गए तो बिट्स के भविष्य के लिए विकट रूप ले सकती है।
प्रश्न : छात्रों को आदर्श रूप से प्लेसमेंट्स की तैयारी कब से आरम्भ कर देनी चाहिए?
उत्तर: सभी छात्रों को आदर्श रूप से अपने प्री-फाइनल वर्ष में प्लेसमेंट के लिए अपने आप को तैयार करने की शुरुआत कर देनी चाहिए। जिन्हें फर्स्ट सेम में प्लेसमेन्ट्स में बैठना है, उन्हें केवल गर्मियों की छुट्टियों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और सेकंड सेम में बैठने वालों को P.S. में तैयारी करने के भरोसे नहीं रहना चाहिए। P.S. के दौरान तैयारियों को इतना समय दे पाना संभव नहीं हो पाता है और न ही गर्मियों की छुट्टियाँ इसके लिए काफी है,इसलिये पहले से ही तैयार रहना उचित है।
प्रश्न : छात्रों की तैयारी के लिए पी.यू. की ओर से क्या कदम उठाये गए हैं?
उत्तर: पी.यू. के द्वारा इस बार प्री-फाइनल वर्ष के सभी छात्रों के लिए प्लेसमेंट वर्कशॉप आयोजित करवाई गयी जिससे उन्हें आने वाली प्लेसमेंट का अंदाजा मिला। सभी छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए ऐसी कई और कोशिशें पी.यू. की ओर से भविष्य में देखने को मिलेंगी।
प्रश्न : सेकंड सेम में प्लेसमेंट के लिए कौन-सी बड़ी कंपनियों आईं?
उत्तर: प्लेसमेंट के लिए इस बार आईं बड़ी कंपनियों के नाम इस प्रकार है-
· आई.टी. - अमेज़ॉन, सैमसंग, गोल्डमैन सैक, इनफ़ोसिस, डायरेक्ट-आई, पेटीएम और जे॰पी॰ मॉर्गन
· कोर - क्वालकॉम, एल. एंड टी., बिरला सेंचुरी, पैनासोनिक, टाटा कम्युनिकेशन्स, एच.एस.बी.सी., फाइज़र, एच.पी.सी.एल., जॉनसन मैथि और एच.पी.सी.सी.
नॉन-कोर– अमेज़ॉन(एरिया मेनेजर), डैल, नोवार्टिस, इंडस इनसाइड और फ्यूचर फर्स्ट।
प्रश्न : इंटर्नशिप का प्लेसमेंट में क्या महत्त्व है?
उत्तर: इंटर्नशिप प्लेसमेंट के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं। जिस जॉब के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं, यदि आपने एक ऐसी ही जगह इंटर्नशिप की हो तो आप कंपनी को बता सकते हैं कि आपके पास काम का अनुभव है, और यह बहुत महात्त्वपूर्ण बात है। यदि इंटर्नशिप किसी और क्षेत्र में हो तब भी आप यह जता ही सकते हैं कि आपकी काम करने में रूचि है।
प्रश्न : P.S.2 पहले सेम में करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर: 4-1 में P.S. करने के दो फायदे हैं। सबसे पहले तो आपके पास पी.पी.ओ. का अवसर होता है। यदि पी.पी.ओ. नहीं भी मिला तब भी आपके पास प्लेसमेंट्स में अच्छा मौका है। किंतु यदि आप पहले सेम में प्लेस नहीं होते, तब आपके पास सिर्फ एक ही अवसर बचेगा, पी.पी.ओ.।
प्रश्न : पी.पी.ओ. के बारे में थोड़ा विस्तार में बताएं। यदि पी.पी.ओ. मिलता है तो प्लेसमेंट में भाग ले सकते हैं या नहीं?
उत्तर: पी.पी.ओ.(प्री प्लेसमेंट ऑफर) P.S. पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले चुनिंदा छात्रों को उसी कंपनी द्वारा दिया जाता है। इसमें आपकी सी.जी.पी.ए. का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता। एक समय सीमा के भीतर आपको वह स्वीकार करना है या नहीं यह बताना होता है। यदि नहीं, तो आप आम विधि से प्लेसमेंट्स में भाग ले सकते हैं। यदि आप पी.पी.ओ. स्वीकार करते हैं तो प्लेसमेंट्स में आपको सिर्फ एक 'ड्रीम अटेम्प्ट' मिलता है जिसमें आप सिर्फ एक ऐसी कंपनी के लिए अप्लाई कर सकते हैं जो आपके पी.पी.ओ. के पैकेज से 1.75 गुना पैकेज ऑफर करे।
प्रश्न : क्या प्लेसमेंट्स में किसी क्लब या डिपार्टमेंट को प्राथमिकता दी जाती है? यदि ऐसा है तो क्यों?
उत्तर: प्लेसमेंट में आपके किसी विशेष क्लब में होने को ख़ास प्रथमिकता नहीं दी जाती है। हालांकि कुछ टेक्निकल क्लब जैसे IKR, टीम अनंत,रोबोकोन आदि से आपके बारे में यह पता चलता है कि आपकी तकनीकी काम में रूचि है और अनुभव भी है। यदि आप इन क्लब्स से सम्बंधित ही किसी जॉब के लिए अप्लाई करते हैं तो यह एक बहुत बड़ा सकारात्मक बिंदु होगा।
प्रश्न : छात्रों में ऐसी धारणा है कि फाइनेंस के क्षेत्र में जाने पर बड़े पैकेज मिलते हैं। इसका क्या कारण है?
उत्तर: इस धारणा का कारण फाइनेंस के लिए हमारे बेहतरीन P.S. स्टेशन हो सकते हैं। हालाँकि फाइनेंस में कैंपस प्लेसमेंट्स बहुत अच्छी नहीं हैं, किन्तु ऑफ कैंपस प्लेसमेंट्स में अच्छे पैकेज मिलते हैं।
प्रश्न : इस बार विभिन्न ब्रांचों में प्लेसमेंट का क्या दृश्य रहा?
उत्तर: इस बार हम केमिकल की अच्छी संख्या में कंपनियां लाने में सफल रहे। सिविल की कंपनियों की संख्या बढ़ी किन्तु अभी भी हम सिविल की प्लेसमेंट्स से संतुष्ट नहीं हैं। मैन्युफैक्चरिंग में प्लेसमेंट्स मैकेनिकल से कम रही जिसका कारण कुछ कंपनियों का सिर्फ मैकेनिकल के छात्रों को लेना था।
प्रश्न : प्लेसमेंट यूनिट में होने से प्लेसमेंट में क्या लाभ होता है?
उत्तर: प्लेसमेंट यूनिट में होने से प्रत्यक्ष रूप से प्लसमेन्ट में कोई फायदा नहीं होता। हालाँकि आपको प्लेसमेंट्स के बारे में बहुत कुछ जाने को मिलता है। जब आप अपने सामने बहुत सी प्लेसमेंट होते हुए देखते हैं तो आपको आने वाली अलग-अलग परिस्थितियों के बारे पता चलता है जिससे आप पहले ही खुद को तैयार कर सकते है। भले ही फायदे हों, किन्तु इसका एक नुकसान भी है। वह यह है कि आपको स्वयं की प्लेसमेंट की तैयारी के लिए समय कम मिल पाता है। यदि कल आपकी प्लेसमेंट है तो यह संभव है कि आप आज रात को पी.यू. ऑफिस में बैठ कर काम कर रहे हों।
प्रश्न : प्लेसमेंट प्रक्रिया के कुछ मुख्य बिंदु बताएँ?
उत्तर:
· ज्यादातर कंपनियों को कुछ अनप्लेस्ड छात्रों के लिए मैनडेटरी कर दिया जाता है।
· छात्र इन कंपनियों के अतिरिक्त अन्य कंपनियों के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।
· यादि कोई छात्र प्लेस हो जाता है, तो वह उसके बाद केवल एक 'ड्रीम अटेम्प्ट' ही ले सकता है।
· यदि कोई छात्र 'जीरो ऑर्डर जॉब' में प्लेस होता है तो वह ज्यादा कंपनियों के लिए भी अप्लाई कर सकता है।
'टीचिंग प्रोफाइल' वाली कंपनियों को मैनडेटरी नहीं किया जाता है।
प्रश्न : अंत में, सभी छात्रों को अच्छी प्लेसमेंट के लिया क्या टिप्स देना चाहेंगे?
उत्तर:
· सबसे पहले सभी को अपनी सी.जी.पी.ए. को एक सम्मानजनक स्तर पर बना कर रखना चाहिए।
· अपना प्रोफाइल शुरू से उसी क्षेत्र में बनाएं जिसमें आपको रूचि है और आगे जाकर जिसमें काम करना है।
· प्री फाइनल वर्ष के बाद इंटर्नशिप की कोशिश करें। इस मामले में डुअलाइट्स का और भी ज्यादा लाभ है।
· अपने सीनियर्स से बात करें जो हाल ही में उसी दौर से गुज़रे है, उनसे अच्छा मअर्गदर्शक कोई और नही होगा।
· एप्टीट्यूड के लिए CAT आदि की पुस्तकों से तैयारी करें और ग्रुप डिस्कशन की प्लेसमेंट वर्कशॉप के अतिरिक्त अपने विंगीज़ के साथ ही बैठ कर तैयारी करें।
प्रथम वर्ष के छात्रों को ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं, बस अपनी सी.जी.पी.ए. अच्छी बनाये रखेँ, सीनियर्स से बात करते रहें और कोई भी धारणा बनाने से पहले उसकी पुष्टि जरूर कर लें।