देश का भविष्य युवा में ही बसा है| किसी भी देश की तरक्की उसके युवा दल पर निर्भर करती है| इसके लिए यह आवश्यक है कि युवागण समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियाँ समझें| भारत में नौजवानों की आदर्श डॉ॰ किरण बेदी समाजसेवी के रूप में एक बहुत बड़ा उदाहरण है|
ओएसिस उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्रीराम राघवन ने ओएसिस हिंदी प्रेस के साथ हुई वार्ता में अपने करियर सम्बन्धी व ओएसिस के आयोजन के बारे में बताया| ओएसिस के आयोजन में बिट्स के छात्रों द्वारा किए गए कार्य की उन्होंने काफी प्रशंसा की| उन्होंने कहा कि आयोजन में छात्रों द्वारा की गई मेहनत साफ़ झलक रही है| इतने बड़े आयोजन को देखते हुए लग रहा है कि आयोजक अपनी उम्र से काफी बड़ा काम करते नज़र आ रहे हैं| बिट्स का वातावरण भी काफी अच्छा है| यहाँ का हर काम छात्रों के द्वारा किया जाता है जो छात्रों के लिए उनकी जॉब में भी काफी सहायक होगा|
अपने करियर के बारे में वे बताते हैं कि प्रारंभ में उनकी मुलाकात मुकुल आनंद जी से हुई थी और उन्हें उनके साथ कार्य करने का मौका मिला| वहाँ कई महीनों तक उन्होंने बिना वेतन के कार्य किया| राघवन जी ने इसके बाद अपनी पहली डॉक्युमेंट्री रमन राघव का निर्देशन किया जो की 1960 के सीरियल किलर की कहानी पर आधारित है| इसके लिए उन्हें राम गोपाल वर्मा से काफी सराहना भी मिली| इसके बाद 2004 में उनकी पहली फिल्म “एक हसीना थी” आई जिसके निर्माता राम गोपाल वर्मा थे| परन्तु दर्शकों ने उसे ज्यादा पसंद नहीं किया| इसके बाद आई उनकी अगली फ़िल्म “जॉनी गद्दार” थी| उनका कहना है कि इस मूवी का प्रचार अच्छी तरह नहीं हो पाया था जिसके कारण एक अच्छी फिल्म दर्शकों तक नहीं पहुँच सकीं| उसके बाद “एजेंट विनोद” के भी अच्छे रिव्यूज़ नहीं मिले| परन्तु उनकी आने वाली फिल्म “बदलापुर” के बारे में वे कहते हैं यह फिल्म आम फिल्मों की तरह नहीं है| इसकी शैली बिल्कुल अलग है| हालाँकि इसमें कॉमेडी, ड्रामा आदि हैं परन्तु यह लोगों के लिए कम मनोरंजक होगी| बिट्सियंस के लिए उन्होंने कहा कि अपनी रुची एवं कला को अपने अंदर जिंदा रखिए और पढ़ाई के साथ उन्हें भी पर्याप्त समय देना चाहिए| |
हिंदी प्रेस क्लबArchives
August 2015
Categories |