पेप- आदित्य विजय कुमार
एपोजी में कार्यरत सबसे मुख्य डिपार्टमेंट में से एक ‘पेप’ यानि ‘पेपर प्रेजेंटेशन एंड इवैल्यूएशन’ के समन्वयक, आदित्य विजयकुमार ने एपोजी हिन्दी प्रेस से खास बातचीत में इस महोत्सव से जुडे कुछ पहलू हमसे साझा किए। एपोजी में मुख्यत: पेप दो आयोजन करवाता है – ‘पेपर प्रेजेंटेशन’ तथा ‘थिंक अगेन कोंकलेव’। यह दोनों आयोजन फ़ेस्ट के तकनीकी प्रारूप से बिलकुल समानव्य रखते हैं। आदित्य ने हमें इनके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
‘पेपर प्रेजेंटेशन’ पेप का प्राथमिक इवैंट होता है तथा कई वर्षों से चले आ रहे इस आयोजन ने भारतीय शोध के परिपेक्ष में अपनी खास जगह बना ली है। यह आयोजन शोध-कर्ता को अपनी शोध के नतीजे प्रख्यात प्रोफेससेरों के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। इसमें आवेदक पहले अपने ‘एब्स्ट्रेक्ट’ यानि अपनी शोध का सार पेप को भेजते हैं जिन्हें उनकी मौलिकता, उपयोगिता, आदि पैमानों आँका जाता है। यहाँ कई सारे आवेदनों को खारिज कर दिया जाता है। कई स्तरों पर जाँच के पश्चात कुछ चुनिन्दा आवेदकों को एपोजी पर अपनी शोध प्रस्तुत करने को आमंत्रित किया जाता है। आदित्य ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने इस आयोजन को पूरी तरह बदल दिया है। इससे पहले आवेदकों के सिर्फ ‘एब्स्ट्रेक्ट’ ही ग्रंथ-चोरी की जांच से गुजरते थे परंतु इस बार पेप ने आवेदकों से उनका अंतिम प्रारूप भी पहले ही मांगा है जिससे वह भी ग्रंथ-चोरी की जाँच से गुज़र पाए। इसके साथ ही अब तक ग्रंथ-चोरी की जाँच के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेर को भी बदल दिया गया है। आदित्य ने बताया कि अब तक वे इंटरनेट पर उपलब्ध फ्री सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करते थे जो बिलकुल भी विश्वसनीय नहीं होते परंतु इस बार उन्होंने बिट्स द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाले सॉफ्टवेर ‘टरनेटिन’ का उपयोग किया है जो बहुत विश्वसनीय है। आदित्य का मानना है कि इन बदलावों से आयोजन की गुणवत्ता बहुत बढ़ जाएगी। उन्होंने माना कि इससे आवेदनों की संख्या कम ज़रूर हुई है परंतु जो आवेदक एपोजी में अपनी शोध प्रस्तुत करेंगे, वे उत्कृष्ट होंगे।
‘थिंक अगेन कोंक्लेव’ हमेशा से ही एपोजी के सबसे लोकप्रिय आयोजनों में से एक रहा है। इस आयोजन के अंतरगत तकनीकी-विश्व की महान हस्तियाँ बिट्स पिलानी आकर यहाँ के विद्यार्थियों के बीच विभिन्न तकनीकी विषयों पर बातचीत करती हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमें वाल्टर लेविन जैसे महान प्राध्यापक का सानिध्य प्राप्त हो चुका है। इस वर्ष ‘थिंक अगेन कोंक्लेव’ में सॉफ्टवेर-जगत की मशहूर हस्ती रिचर्ड स्टॉलमेन आ रहे हैं। वे ‘फ्री सॉफ्टवेर फ़ाउंडेशन’ के संस्थापक तथा ‘जी॰एन॰यू॰’ प्रोजेक्ट के प्रक्षेपक हैं। वे 26 फरवरी को विद्यार्थियों से वार्तालाप करने कॅम्पस आएँगे। इस आयोजन के दूसरे वक्ता मशहूर लेखक, स्तंभकार तथा समीक्षक श्री एम॰जे॰ अकबर हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय के प्रवक्ता हैं। वे 27 फरवरी को कॅम्पस के विद्यार्थियों के बीच शिरकत करेंगे।
आदित्य का कहना है कि इस बार थिंक अगेन कोंक्लेव एपोजी का केंद्र नहीं होगा क्योंकि अब और भी कई रोचक एवेंट्स फ़ेस्ट में जोड़े गए हैं जो कि एक अच्छी बात भी है। इतना भव्य आयोजन सिर्फ एक इवैंट पर केन्द्रित होना भी नहीं चाहिए।
‘पेपर प्रेजेंटेशन’ पेप का प्राथमिक इवैंट होता है तथा कई वर्षों से चले आ रहे इस आयोजन ने भारतीय शोध के परिपेक्ष में अपनी खास जगह बना ली है। यह आयोजन शोध-कर्ता को अपनी शोध के नतीजे प्रख्यात प्रोफेससेरों के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। इसमें आवेदक पहले अपने ‘एब्स्ट्रेक्ट’ यानि अपनी शोध का सार पेप को भेजते हैं जिन्हें उनकी मौलिकता, उपयोगिता, आदि पैमानों आँका जाता है। यहाँ कई सारे आवेदनों को खारिज कर दिया जाता है। कई स्तरों पर जाँच के पश्चात कुछ चुनिन्दा आवेदकों को एपोजी पर अपनी शोध प्रस्तुत करने को आमंत्रित किया जाता है। आदित्य ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने इस आयोजन को पूरी तरह बदल दिया है। इससे पहले आवेदकों के सिर्फ ‘एब्स्ट्रेक्ट’ ही ग्रंथ-चोरी की जांच से गुजरते थे परंतु इस बार पेप ने आवेदकों से उनका अंतिम प्रारूप भी पहले ही मांगा है जिससे वह भी ग्रंथ-चोरी की जाँच से गुज़र पाए। इसके साथ ही अब तक ग्रंथ-चोरी की जाँच के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेर को भी बदल दिया गया है। आदित्य ने बताया कि अब तक वे इंटरनेट पर उपलब्ध फ्री सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करते थे जो बिलकुल भी विश्वसनीय नहीं होते परंतु इस बार उन्होंने बिट्स द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाले सॉफ्टवेर ‘टरनेटिन’ का उपयोग किया है जो बहुत विश्वसनीय है। आदित्य का मानना है कि इन बदलावों से आयोजन की गुणवत्ता बहुत बढ़ जाएगी। उन्होंने माना कि इससे आवेदनों की संख्या कम ज़रूर हुई है परंतु जो आवेदक एपोजी में अपनी शोध प्रस्तुत करेंगे, वे उत्कृष्ट होंगे।
‘थिंक अगेन कोंक्लेव’ हमेशा से ही एपोजी के सबसे लोकप्रिय आयोजनों में से एक रहा है। इस आयोजन के अंतरगत तकनीकी-विश्व की महान हस्तियाँ बिट्स पिलानी आकर यहाँ के विद्यार्थियों के बीच विभिन्न तकनीकी विषयों पर बातचीत करती हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमें वाल्टर लेविन जैसे महान प्राध्यापक का सानिध्य प्राप्त हो चुका है। इस वर्ष ‘थिंक अगेन कोंक्लेव’ में सॉफ्टवेर-जगत की मशहूर हस्ती रिचर्ड स्टॉलमेन आ रहे हैं। वे ‘फ्री सॉफ्टवेर फ़ाउंडेशन’ के संस्थापक तथा ‘जी॰एन॰यू॰’ प्रोजेक्ट के प्रक्षेपक हैं। वे 26 फरवरी को विद्यार्थियों से वार्तालाप करने कॅम्पस आएँगे। इस आयोजन के दूसरे वक्ता मशहूर लेखक, स्तंभकार तथा समीक्षक श्री एम॰जे॰ अकबर हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय के प्रवक्ता हैं। वे 27 फरवरी को कॅम्पस के विद्यार्थियों के बीच शिरकत करेंगे।
आदित्य का कहना है कि इस बार थिंक अगेन कोंक्लेव एपोजी का केंद्र नहीं होगा क्योंकि अब और भी कई रोचक एवेंट्स फ़ेस्ट में जोड़े गए हैं जो कि एक अच्छी बात भी है। इतना भव्य आयोजन सिर्फ एक इवैंट पर केन्द्रित होना भी नहीं चाहिए।