जुनून 2013
एन.एस.एस. बिट्स पिलानी द्वारा आयोजित जुनून-2013 का आरंभ कार्यक्रम में आए सभी 6 एन.जी.ओ. अक्षय प्रतिष्ठान(झूंझुनू) , दिशा(जयपुर) , आमला बिरला केंद्र(पिलानी ) , मुस्कान(दिल्ली ) , आशा का झरना (झूंझुनू) और श्री निर्मल विवेक (जयपुर) के परिचय और प्रार्थना गीत के साथ हुआ| तत्पश्चात् एन.एस.एस. बिट्स पिलानी के अध्यक्ष शशांक ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर.एन.शाह और मधु जैन को फूलों की भेंट दी | मुख्य अतिथि ने अपनी बातों में जुनून में सम्मिलित होने आए सभी बच्चों को यह संदेश दिया कि जीत ज़रूरी नहीं है, प्रतिभागिता जरूरी है| उन्होंने समाज में असाधारण क्षमता वाले लोगों के प्रति सोच बदलने की जरूरत पर ज़ोर दिया| खेल सचिव ने सभी प्रतिभागियों को खेल भावना बनाए रखने हेतु शपथ दिलवाई |
एन.एस.एस ने क्रैक के साथ मिलकर विशेष क्षमता रखने वाले बच्चों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया। इस वर्कशॉप में सभी 6 एन.जी.ओ. ने भाग लिया। इसके अंतर्गत हर एन.जी.ओ. के बीस पच्चीस बच्चों को तीन समूहों में बाँट दिया गया और एक पोस्टर, पेपर और क्रेयॉन्स का सेट दिया गया। प्रतिभागियों ने काफी उत्साह दिखाया और मनमोहक चित्रण किया। यह होने के बाद सभी को अपने हस्त छाप को पेपर पर उतारने का भी मौका मिला। मौज मस्ती, नाच गाने के साथ-साथ फल वितरण भी हुआ| जुनून- 2013 में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में 5 एन.जी.ओ. अक्षय प्रतिष्ठान , दिशा , आमला बिरला केंद्र , आशा का झरना और श्री निर्मल विवेक ने भाग लिया | डबल्स में HI वर्ग में आमला बिरला केंद्र के सलीम-इनायत प्रथम , श्री निर्मल विवेक के विजय महिन्द्र-विजय मंदीवाल द्वितीय स्थान पर रहे | प्रतिभागियों का जोश देखने लायक था| खिलाड़ियों का तालमेल भी काबिले तारीफ था| रेफरी ने सभी को खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए साइलेंट क्लैप करने को कहा| फ़ीमेल सिंगल्स मुक़ाबले में MR वर्ग में अदिति प्रथम , नयन द्वितीय और पूजा तृतीय स्थान पर रही| मेल सिंगल्स में कड़े मुक़ाबले के चलते आमला बिरला केंद्र के इनायत प्रथम, श्री निर्मल विवेक के विजय और आशा के विवेक तृतीय स्थान पर रहे| क्रिकेट मैच में भी सभी एन.जी.ओ. के लोगों ने भाग लिया, जिनके समर्थन हेतु कई बिट्स के छात्र भी उपस्थित थे |
बिरला शिशु विहार में आयोजित बास्केटबॉल मैच में दिल्ली के एन.जी.ओ. मुस्कान से प्रतिभागी एकत्रित हुए और एक रोमांचक मैच खेला गया। मैच में बिट्स की बास्केटबॉल टीम का भी काफी सहयोग रहा। मैच में दर्शकों की संख्या भी अच्छी ख़ासी थी, जिससे खिलाड़ियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। यह मैच अंततः एक ड्रॉ में समाप्त हुआ।
जुनून के एथलेटिक्स इवेंट्स का आयोजन Med-C मैदान में किया गया। इसके अंतर्गत 50 और 100 मीटर की दौड़, गोलफेंक, बोत्चि जैसे इवेंट्स आयोजित किए गए। 50 और 100 मीटर की दौड़ों से पहले क्वॉलिफ़िकेशन राउंड हुये, जिनमें जीतने वाले प्रतिभागियों को अंतिम चरण में दौड़ने का मौका मिला। आयोजन में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के एन.जी.ओ. ने भाग लिया। प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था। जुनून के इस इवेंट को सफल बनाने में NSS के स्वयंसेवकों का अत्यधिक योगदान रहा। वॉलीबॉल निश्चित समय से दो घंटे देरी से शुरू हुआ | इसमे दो एन.जी.ओ. श्री निर्मल विवेक और आमला बिरला केंद्र ने भाग लिया, जिनके मैच बिट्स पिलानी के कुछ छात्रों के साथ हुआ| पहले मैच में श्री निर्मल विवेक ने बिट्स की टीम को 26-21 से हराया तथा दूसरे मैच में आमला बिरला केंद्र ने बिट्स की टीम को 26-15 से हराया| आमला बिरला केंद्र प्रथम व श्री निर्मल विवेक द्वितीय स्थान पर रहे| मनोरंजन कार्यक्रम के दौरान बैक्स्टर(मैसकट जुनून-2013) की उपस्थिति बच्चों में उत्साह का संचार कर रही थी। SAC का वातवरण पूरी तरह ऊर्जा से भरा हुआ था। बच्चों के लिए पिट्टो, रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन भी किया गया।
जुनून का समापन जुनून नाइट से हुआ | जिसमें सभी एन.जी.ओ. के प्रतिभागियों ने भाग लिया | मुख्य अतिथि के रूप में बिट्स पिलानी के डायरेक्टर प्रोफेसर जी. रघुरामा ने आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई| तत्पश्चात् गुरुकुल के संगीत कार्यक्रम ने वातावरण को आनंदमय बना दिया| सभी एन.जी.ओ. ने अपनी परफॉर्मेंस से सभी का मन मोह लिया और हिन्दी ड्रामा क्लब ने नाटक से यह संदेश दिया कि हमें अपनी सोच बदलनी होगी| समारोह को मनमोहक बनाने में पोएट्री क्लब ने कोई कसर नही छोड़ी| उन्होंने अपनी कविता ''सलाम है तेरे जुनून को'' से सबका मन मोह लिया| इसके बाद मुख्य अतिथि ने जुनून में भाग लेने वाले एन.जी.ओ. और एन.एस.एस. को धन्यवाद दिया और कहा कि जुनून जैसे उत्सव ही बिट्स पिलानी को बाकी सभी कॉलेज से अलग करते हैं| अंत में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ, जिसमें सभी एन.जी.ओ. को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया|
एन.एस.एस ने क्रैक के साथ मिलकर विशेष क्षमता रखने वाले बच्चों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया। इस वर्कशॉप में सभी 6 एन.जी.ओ. ने भाग लिया। इसके अंतर्गत हर एन.जी.ओ. के बीस पच्चीस बच्चों को तीन समूहों में बाँट दिया गया और एक पोस्टर, पेपर और क्रेयॉन्स का सेट दिया गया। प्रतिभागियों ने काफी उत्साह दिखाया और मनमोहक चित्रण किया। यह होने के बाद सभी को अपने हस्त छाप को पेपर पर उतारने का भी मौका मिला। मौज मस्ती, नाच गाने के साथ-साथ फल वितरण भी हुआ| जुनून- 2013 में आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में 5 एन.जी.ओ. अक्षय प्रतिष्ठान , दिशा , आमला बिरला केंद्र , आशा का झरना और श्री निर्मल विवेक ने भाग लिया | डबल्स में HI वर्ग में आमला बिरला केंद्र के सलीम-इनायत प्रथम , श्री निर्मल विवेक के विजय महिन्द्र-विजय मंदीवाल द्वितीय स्थान पर रहे | प्रतिभागियों का जोश देखने लायक था| खिलाड़ियों का तालमेल भी काबिले तारीफ था| रेफरी ने सभी को खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए साइलेंट क्लैप करने को कहा| फ़ीमेल सिंगल्स मुक़ाबले में MR वर्ग में अदिति प्रथम , नयन द्वितीय और पूजा तृतीय स्थान पर रही| मेल सिंगल्स में कड़े मुक़ाबले के चलते आमला बिरला केंद्र के इनायत प्रथम, श्री निर्मल विवेक के विजय और आशा के विवेक तृतीय स्थान पर रहे| क्रिकेट मैच में भी सभी एन.जी.ओ. के लोगों ने भाग लिया, जिनके समर्थन हेतु कई बिट्स के छात्र भी उपस्थित थे |
बिरला शिशु विहार में आयोजित बास्केटबॉल मैच में दिल्ली के एन.जी.ओ. मुस्कान से प्रतिभागी एकत्रित हुए और एक रोमांचक मैच खेला गया। मैच में बिट्स की बास्केटबॉल टीम का भी काफी सहयोग रहा। मैच में दर्शकों की संख्या भी अच्छी ख़ासी थी, जिससे खिलाड़ियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। यह मैच अंततः एक ड्रॉ में समाप्त हुआ।
जुनून के एथलेटिक्स इवेंट्स का आयोजन Med-C मैदान में किया गया। इसके अंतर्गत 50 और 100 मीटर की दौड़, गोलफेंक, बोत्चि जैसे इवेंट्स आयोजित किए गए। 50 और 100 मीटर की दौड़ों से पहले क्वॉलिफ़िकेशन राउंड हुये, जिनमें जीतने वाले प्रतिभागियों को अंतिम चरण में दौड़ने का मौका मिला। आयोजन में स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के एन.जी.ओ. ने भाग लिया। प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता था। जुनून के इस इवेंट को सफल बनाने में NSS के स्वयंसेवकों का अत्यधिक योगदान रहा। वॉलीबॉल निश्चित समय से दो घंटे देरी से शुरू हुआ | इसमे दो एन.जी.ओ. श्री निर्मल विवेक और आमला बिरला केंद्र ने भाग लिया, जिनके मैच बिट्स पिलानी के कुछ छात्रों के साथ हुआ| पहले मैच में श्री निर्मल विवेक ने बिट्स की टीम को 26-21 से हराया तथा दूसरे मैच में आमला बिरला केंद्र ने बिट्स की टीम को 26-15 से हराया| आमला बिरला केंद्र प्रथम व श्री निर्मल विवेक द्वितीय स्थान पर रहे| मनोरंजन कार्यक्रम के दौरान बैक्स्टर(मैसकट जुनून-2013) की उपस्थिति बच्चों में उत्साह का संचार कर रही थी। SAC का वातवरण पूरी तरह ऊर्जा से भरा हुआ था। बच्चों के लिए पिट्टो, रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन भी किया गया।
जुनून का समापन जुनून नाइट से हुआ | जिसमें सभी एन.जी.ओ. के प्रतिभागियों ने भाग लिया | मुख्य अतिथि के रूप में बिट्स पिलानी के डायरेक्टर प्रोफेसर जी. रघुरामा ने आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई| तत्पश्चात् गुरुकुल के संगीत कार्यक्रम ने वातावरण को आनंदमय बना दिया| सभी एन.जी.ओ. ने अपनी परफॉर्मेंस से सभी का मन मोह लिया और हिन्दी ड्रामा क्लब ने नाटक से यह संदेश दिया कि हमें अपनी सोच बदलनी होगी| समारोह को मनमोहक बनाने में पोएट्री क्लब ने कोई कसर नही छोड़ी| उन्होंने अपनी कविता ''सलाम है तेरे जुनून को'' से सबका मन मोह लिया| इसके बाद मुख्य अतिथि ने जुनून में भाग लेने वाले एन.जी.ओ. और एन.एस.एस. को धन्यवाद दिया और कहा कि जुनून जैसे उत्सव ही बिट्स पिलानी को बाकी सभी कॉलेज से अलग करते हैं| अंत में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ, जिसमें सभी एन.जी.ओ. को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया|
जुनून 2014
"विकलांगता स्वयं में कोई विकलांगता नहीं होती, विकलांगता होती है विकलांगों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में।"इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए एन॰एस॰एस॰ बिट्स पिलानी ने खेल संघ के सौजन्य में जुनून- दो दिवसीय खेल उत्सव के तृतीय संस्करण का आयोजन किया जिसका उद्देश्य है कि वंचित बच्चों को मुख्यधारा के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिले। इस जुनून में दिल्ली, जयपुर, पिलानी और झुंझुनू से 8 गैर सरकारी संस्थाओं- आरोह नवज्योति, आर्थ आस्था, अक्षय प्रतिष्ठान, आमला बिरला केंद्र, आशा का झरना, दिशा, मुस्कान और एच॰सी॰आर॰ए॰ के 170 विशेष क्षमता वाले बच्चों ने हिस्सा लिया। 6 एवं 7 सितंबर 2014 को आयोजित हुए जुनून का उदघाटन मुख्य अतिथि डॉ॰ सतेन्द्र सिंह ने दीप प्रज्वलन से किया| वे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में चिकित्सक हैं और स्वयं भी
असमर्थता कार्यकर्त्ता रह चुके हैं। तत्पश्चात विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ के परिचय तथा मुख्य अतिथि एवं एन॰एस॰एस॰ अध्यक्ष के व्यक्तव्य हुए। एन॰एस॰एस॰ अध्यक्ष कर्तव्य खन्ना ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि भारत में असमर्थता को एक रोग समझा जाता है और जुनून लोगों में समानता की भावना अंतर्निविष्ट करते हुए इस सामाजिक अंतराल को दूर करने का प्रयास करता है। उद्घाटन के उपरांत बच्चों ने नृत्य एवं मौज-मस्ती की। इसके उपरांत ई॰एस॰पी॰एन॰ द्वारा प्रायोजित यूनीफ़ाइड Bocce प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें पिलानी के विद्यालयों के बच्चों की जुनून में सम्मिलित बच्चों से Bocce मुक़ाबले करवाए गए ताकि इन बच्चों में मुख्यधारा से प्रतिस्पर्धा करने का आत्मविश्वास जागृत हो सके। एन॰एस॰एस॰ के कार्यक्रम संयोजक शिखर ने बताया कि नामी प्रायोजक की बदौलत इस बार प्रचार में
आसानी रही जिसके कारण जुनून ऊँचे स्तर पर आयोजित हो पाया है और वे चाहते हैं कि भविष्य में जुनून इससे भी अधिक सफल रहे।
इसी दौरान आयोजित हुए क्रिकेट मुकाबलों में भी प्रतिभागियों का उत्साह दर्शनीय था। विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ की टीमों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन दिया। बास्केटबॉल मुकाबलों में भी रोमांचक खेल का प्रदर्शन हुआ। उपस्थित दर्शकों की संख्या भी अच्छी-ख़ासी रही। मैच में बिट्स बास्केटबॉल टीम का भी काफी सहयोग रहा। हालांकि इस दौरान मेड-सी में उसी समय बिट्स क्रिकेट टीम का मैच होने के कारण
प्रतिभागियों को चोट लगने का अंदेशा बना हुआ था। इस पर शिखर ने कहा कि क्रिकेट टीम को भी बॉसम के लिए अभ्यास करना होता है परंतु ऐसी किसी घटना से बचाव हेतु पर्याप्त स्वेच्छाकर्मी वहाँ मौजूद थे।
अगले दिन एथलेटिक्स, शॉटपुट, एवं Bocce आयोजित किए गए। एथलेटिक्स में 50 मीटर, 100 मीटर एवं रीले दौड़ के मुकाबलों में विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ से अत्यधिक प्रतिभागिता रही। प्रतिभागियों का उत्साह एवं एन॰एस॰एस॰ स्वयंसेवकों की मदद से सुचारु रूप से सभी कार्यक्रम संचालित हुए। Bocce में 8 टीमों के नॉक आउट प्रतियोगिता में आशा का झरना की टीम विजेता रही।
तदुपरांत SAC में क्रैक की मदद से आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न तरह की मनोरंजक गतिविधियाँ जैसे हस्त चित्रण, नृत्य-संगीत, बैडमिंटन आदि के दौरान SAC का माहौल आनंद से भरपूर था। मुस्कान के प्रतिभागियों ने सराहनीय नृत्य का प्रदर्शन दिया।
जुनून का समापन जुनून नाइट से हुआ। इसमें सभी एन॰जी॰ओ॰ ने भाग लिया। जुनून नाइट की शुरुआत गुरुकुल द्वारा प्रस्तुत मनमोहक संगीत कार्यक्रम से हुई। उसके बाद एन॰जी॰ओ॰ ने भी शानदार नृत्य प्रस्तुत किए जिनमें किसी में भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन किया तो किसी में अच्छाई और बुराई की लड़ाई को नृत्य के ज़रिए प्रस्तुत किया गया। हिन्दी ड्रामा क्लब ने अपने नाटक के ज़रिए सरकारी कर्मचारियों की काम न करने की प्रवृति को प्रदर्शित किया। इन सबके बाद पोएट्री क्लब ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया| मुख्य अतिथि के रूप में बिट्स पिलानी के निर्देशक प्रोफेसर जी. रघुरामा ने आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके बाद मुख्य अतिथि ने जुनून में भाग लेने वाले एन.जी.ओ. और एन.एस.एस. को धन्यवाद दिया और कहा कि जुनून जैसे उत्सव ही बिट्स पिलानी को बाकी सभी कॉलेज से अलग करते हैं|
अंत में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ जिसमें सभी एन.जी.ओ. को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
जुनून में यदि कहीं पर कुछ कमी नज़र आई तो वह थी पूरे कार्यक्रम, यहाँ तक कि जुनून नाइट में भी बिट्सियन्स की उपस्तिथि जो कि नगण्य थी। इस पर शिखर ने कहा कि यह उनके लिए भी एक पहेली है|
जिस कार्यक्रम में हिंदी ड्रामा क्लब, गुरुकुल और पोएट्री क्लब की प्रस्तुतियाँ होने के उपरान्त भी यदि बिट्सियन्स नहीं आते हैं तो इसका एक ही तात्पर्य हो सकता है कि वे एन॰एस॰एस.-निर्माण के बारे में अभिज्ञ हैं।
असमर्थता कार्यकर्त्ता रह चुके हैं। तत्पश्चात विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ के परिचय तथा मुख्य अतिथि एवं एन॰एस॰एस॰ अध्यक्ष के व्यक्तव्य हुए। एन॰एस॰एस॰ अध्यक्ष कर्तव्य खन्ना ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि भारत में असमर्थता को एक रोग समझा जाता है और जुनून लोगों में समानता की भावना अंतर्निविष्ट करते हुए इस सामाजिक अंतराल को दूर करने का प्रयास करता है। उद्घाटन के उपरांत बच्चों ने नृत्य एवं मौज-मस्ती की। इसके उपरांत ई॰एस॰पी॰एन॰ द्वारा प्रायोजित यूनीफ़ाइड Bocce प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें पिलानी के विद्यालयों के बच्चों की जुनून में सम्मिलित बच्चों से Bocce मुक़ाबले करवाए गए ताकि इन बच्चों में मुख्यधारा से प्रतिस्पर्धा करने का आत्मविश्वास जागृत हो सके। एन॰एस॰एस॰ के कार्यक्रम संयोजक शिखर ने बताया कि नामी प्रायोजक की बदौलत इस बार प्रचार में
आसानी रही जिसके कारण जुनून ऊँचे स्तर पर आयोजित हो पाया है और वे चाहते हैं कि भविष्य में जुनून इससे भी अधिक सफल रहे।
इसी दौरान आयोजित हुए क्रिकेट मुकाबलों में भी प्रतिभागियों का उत्साह दर्शनीय था। विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ की टीमों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन दिया। बास्केटबॉल मुकाबलों में भी रोमांचक खेल का प्रदर्शन हुआ। उपस्थित दर्शकों की संख्या भी अच्छी-ख़ासी रही। मैच में बिट्स बास्केटबॉल टीम का भी काफी सहयोग रहा। हालांकि इस दौरान मेड-सी में उसी समय बिट्स क्रिकेट टीम का मैच होने के कारण
प्रतिभागियों को चोट लगने का अंदेशा बना हुआ था। इस पर शिखर ने कहा कि क्रिकेट टीम को भी बॉसम के लिए अभ्यास करना होता है परंतु ऐसी किसी घटना से बचाव हेतु पर्याप्त स्वेच्छाकर्मी वहाँ मौजूद थे।
अगले दिन एथलेटिक्स, शॉटपुट, एवं Bocce आयोजित किए गए। एथलेटिक्स में 50 मीटर, 100 मीटर एवं रीले दौड़ के मुकाबलों में विभिन्न एन॰जी॰ओ॰ से अत्यधिक प्रतिभागिता रही। प्रतिभागियों का उत्साह एवं एन॰एस॰एस॰ स्वयंसेवकों की मदद से सुचारु रूप से सभी कार्यक्रम संचालित हुए। Bocce में 8 टीमों के नॉक आउट प्रतियोगिता में आशा का झरना की टीम विजेता रही।
तदुपरांत SAC में क्रैक की मदद से आर्ट वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न तरह की मनोरंजक गतिविधियाँ जैसे हस्त चित्रण, नृत्य-संगीत, बैडमिंटन आदि के दौरान SAC का माहौल आनंद से भरपूर था। मुस्कान के प्रतिभागियों ने सराहनीय नृत्य का प्रदर्शन दिया।
जुनून का समापन जुनून नाइट से हुआ। इसमें सभी एन॰जी॰ओ॰ ने भाग लिया। जुनून नाइट की शुरुआत गुरुकुल द्वारा प्रस्तुत मनमोहक संगीत कार्यक्रम से हुई। उसके बाद एन॰जी॰ओ॰ ने भी शानदार नृत्य प्रस्तुत किए जिनमें किसी में भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन किया तो किसी में अच्छाई और बुराई की लड़ाई को नृत्य के ज़रिए प्रस्तुत किया गया। हिन्दी ड्रामा क्लब ने अपने नाटक के ज़रिए सरकारी कर्मचारियों की काम न करने की प्रवृति को प्रदर्शित किया। इन सबके बाद पोएट्री क्लब ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया| मुख्य अतिथि के रूप में बिट्स पिलानी के निर्देशक प्रोफेसर जी. रघुरामा ने आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके बाद मुख्य अतिथि ने जुनून में भाग लेने वाले एन.जी.ओ. और एन.एस.एस. को धन्यवाद दिया और कहा कि जुनून जैसे उत्सव ही बिट्स पिलानी को बाकी सभी कॉलेज से अलग करते हैं|
अंत में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ जिसमें सभी एन.जी.ओ. को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
जुनून में यदि कहीं पर कुछ कमी नज़र आई तो वह थी पूरे कार्यक्रम, यहाँ तक कि जुनून नाइट में भी बिट्सियन्स की उपस्तिथि जो कि नगण्य थी। इस पर शिखर ने कहा कि यह उनके लिए भी एक पहेली है|
जिस कार्यक्रम में हिंदी ड्रामा क्लब, गुरुकुल और पोएट्री क्लब की प्रस्तुतियाँ होने के उपरान्त भी यदि बिट्सियन्स नहीं आते हैं तो इसका एक ही तात्पर्य हो सकता है कि वे एन॰एस॰एस.-निर्माण के बारे में अभिज्ञ हैं।