गुरुकुल - दिशांत संगनी
गुरुकुल के समन्वयक दिशांत संगनी से एपोजी हिन्दी प्रैस ने इस एपोजी गुरुकुल द्वारा करवाए जाने वाले आयोजनों की जानकारी प्राप्त की। दिशांत ने बताया कि इस बार भी वे पिछले वर्ष की तरह एक ‘म्यूजिक गैलरी’ का आयोजन करेंगे। दिशांत का मानना है कि एपोजी ज्ञान से संबन्धित फ़ेस्ट है तो इसी बहाने लोगों के संगीत के ज्ञान में वृद्धि लाना भी कोई बुरा ख्याल नहीं होगा। पिछले वर्ष पहली बार हुए ‘म्यूजिक गैलरी’ को मिली सराहना से प्रेरित गुरुकुल इस वर्ष भी केवल यही आयोजन करवा रहा है।
गुरुकुल की ‘म्यूजिक गैलरी’ में संगीत की विभिन्न शैलियों की झलक के साथ-साथ उनके विषय में जानकारी भी दी जाएगी। हर शैली के लिए पैनल लगाए जाएँगे जिनमें उस शैली के कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के चित्र, उनकी एल्बम के फोटो तथा उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ प्रस्तुत की जाएँगी। शैली के अतिरिक्त संगीत को दशकों के हिसाब से भी बाँटा जाएगा। इन पैनलों में हर दशक के महान गायकों तथा कलाकारों की रचनाओं तथा कला की झलक मिलेगी। इस आयोजन की थीम पूछे जाने पर दिशांत ने बताया कि इस वर्ष वे भारतीय संगीत पर ही अधिक केंद्रित रहेंगे तथा संगीत को रेट्रो,क्लासिकल आदि शैलियों में बाँटेंगे। इस गैलरी के साथ वे एक जुगलबंदी मंच भी तैयार करेंगे जहाँ विभिन्न संगीत यंत्र प्रदान किए जाएँगे। दर्शक चाहें तो उस स्टेज पर उन यंत्रों के बीच फोटो भी खिंचवा सकते हैं।
तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस गैलरी के लिए उन्हें बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उनके पास संगीत तो है ही, बस सजावट का काम बचा है जो एपोजी के दो दिन पूर्व पूरा हो जाएगा।
गुरुकुल की ‘म्यूजिक गैलरी’ में संगीत की विभिन्न शैलियों की झलक के साथ-साथ उनके विषय में जानकारी भी दी जाएगी। हर शैली के लिए पैनल लगाए जाएँगे जिनमें उस शैली के कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के चित्र, उनकी एल्बम के फोटो तथा उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ प्रस्तुत की जाएँगी। शैली के अतिरिक्त संगीत को दशकों के हिसाब से भी बाँटा जाएगा। इन पैनलों में हर दशक के महान गायकों तथा कलाकारों की रचनाओं तथा कला की झलक मिलेगी। इस आयोजन की थीम पूछे जाने पर दिशांत ने बताया कि इस वर्ष वे भारतीय संगीत पर ही अधिक केंद्रित रहेंगे तथा संगीत को रेट्रो,क्लासिकल आदि शैलियों में बाँटेंगे। इस गैलरी के साथ वे एक जुगलबंदी मंच भी तैयार करेंगे जहाँ विभिन्न संगीत यंत्र प्रदान किए जाएँगे। दर्शक चाहें तो उस स्टेज पर उन यंत्रों के बीच फोटो भी खिंचवा सकते हैं।
तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस गैलरी के लिए उन्हें बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उनके पास संगीत तो है ही, बस सजावट का काम बचा है जो एपोजी के दो दिन पूर्व पूरा हो जाएगा।