डी.वी.एम् - प्रांजल गुप्ता
हमेशा की तरह इस वर्ष भी अपोजी में डी.वी.एम् का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। अपोजी की इंट्रो वेबसाइट नवंबर में लॉन्च कर दी गयी थी और मुख्य वेबसाइट भी जनवरी में लॉन्च की गयी है। डी.वी.एम् द्वारा निर्मित इस वेबसाइट में अपोजी के सारे इवेंट्स की जानकारी दी गयी है। इसके साथ ही ऑनलाइन पेमेंट और पंजीकरण की सुविधाएँ भी उपलब्ध है। डी.वी.एम् के संयोजक प्रान्जल से हुई वार्ता में उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष लॉन्च के बाद वेबसाइट में कुछ त्रुटियाँ रह गयी थी परंतु वे खुश हैं कि इस वर्ष ऐसा नहीं हुआ। साथ ही बड़े उत्साह के साथ उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों की ओएसिस और अपोजी की वेबसाइट्स से भी ज़्यादा व्यूज़ इस वेबसाइट को मिले हैं। इसका सारा श्रेय उन्होंने अपने डिपार्टमेंट के द्वितीय वर्ष छात्रों को दिया।
उन्होंने पंजीकरण की तीन स्तरीय प्रक्रिया(फ़ायरवॉल्ज़ -> कंट्रोल्ज़ -> रैक एन् ऍक) समझाते हुए बताया कि उनका पंजीकरण सॉफ्टवेयर ही इस पूरी प्रक्रिया को बांधता है। इस वर्ष वे एक इवेंट मैनेजमेंट पोर्टल भी बना रहे हैं। इवेंट्स में होने वाली प्रतिभागियों की मैन्युअल एंट्रीज़ को इस पोर्टल द्वारा पंजीकरण के डेटाबेस से जोड़ दिया जाएगा और फिर उनका आंकलन भी ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। इस वर्ष डी.वी.एम् पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन कर रहा है। प्रोजेक्ट्स और पेपर्स भी ऑनलाइन ही प्रस्तुत किए गए हैं जिसके लिए पोर्टल डी.वी.एम् द्वारा तैयार किया गया था। इसके अलावा ई.आई.सी तथा आई.ओ.टी की वेबसाइट; धिति की वेबसाइट; आरोहन के लिए माइक्रोवेबसाइट और सॉफ्टवेयर; ए.ई.पी का ब्लॉग- bitsapogee.org/blog का निर्माण भी डी.वी.एम् ने किया है। थिंक अगेन के वक्ता, प्रोफ-शोज़, कर्टेन रेज़र ऑफ़ अपोजी की वीडियो भी डी.वी.एम् बना रहा है। प्रांजल ने बताया कि इस वर्ष अपोजी में बहुत कुछ नया हो रहा है इसलिए वे लोग हर बार से ज़्यादा वीडियो तैयार कर रहे हैं। दो वीडियो महाराष्ट्र मंडल नाईट में और दो फाउंडर्स डे पर प्रकाशित की गयी थी। छह से सात वीडियो इनौग में दिखाई जाएँगी।
इन सबके साथ ही डी.वी.एम् अपना एक प्री-अपोजी इवेंट भी आयोजित करवा रहा है- 'लकुना'।इस वर्ष इस इवेंट में भी काफी बदलाव किये गए हैं। पहले यह रणनीति पर आधारित होता था। इस वर्ष इस इवेंट की थीम है शेरलॉक और पज़ल्स, क्रिप्ट्स और क्लूज़ के साथ एक काल्पनिक कहानी तैयार की गयी है। जहाँ पर शेरलॉक की कहानी समाप्त हुई है इस कहानी को वहीं से आरंभ किया गया है। प्रांजल का कहना है की लोगों को यह काफी दिलचस्प लगेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस इवेंट का पूरा कार्य 15 द्वितीय वर्षीय और 20 प्रथम वर्षीय छात्रों की टीम ने ही किया है।उनका डिपार्टमेंट इस वर्ष अपोजी को रोचक बनाने की कोशिश कर रहा है और सारे डिपार्टमेंट्स बहुत मेहनत कर रहे हैं।उन्हें आशा है कि बिट्स के छात्र भी उतने ही उत्साह के साथ उनका सहयोग करेंगे।
उन्होंने पंजीकरण की तीन स्तरीय प्रक्रिया(फ़ायरवॉल्ज़ -> कंट्रोल्ज़ -> रैक एन् ऍक) समझाते हुए बताया कि उनका पंजीकरण सॉफ्टवेयर ही इस पूरी प्रक्रिया को बांधता है। इस वर्ष वे एक इवेंट मैनेजमेंट पोर्टल भी बना रहे हैं। इवेंट्स में होने वाली प्रतिभागियों की मैन्युअल एंट्रीज़ को इस पोर्टल द्वारा पंजीकरण के डेटाबेस से जोड़ दिया जाएगा और फिर उनका आंकलन भी ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। इस वर्ष डी.वी.एम् पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन कर रहा है। प्रोजेक्ट्स और पेपर्स भी ऑनलाइन ही प्रस्तुत किए गए हैं जिसके लिए पोर्टल डी.वी.एम् द्वारा तैयार किया गया था। इसके अलावा ई.आई.सी तथा आई.ओ.टी की वेबसाइट; धिति की वेबसाइट; आरोहन के लिए माइक्रोवेबसाइट और सॉफ्टवेयर; ए.ई.पी का ब्लॉग- bitsapogee.org/blog का निर्माण भी डी.वी.एम् ने किया है। थिंक अगेन के वक्ता, प्रोफ-शोज़, कर्टेन रेज़र ऑफ़ अपोजी की वीडियो भी डी.वी.एम् बना रहा है। प्रांजल ने बताया कि इस वर्ष अपोजी में बहुत कुछ नया हो रहा है इसलिए वे लोग हर बार से ज़्यादा वीडियो तैयार कर रहे हैं। दो वीडियो महाराष्ट्र मंडल नाईट में और दो फाउंडर्स डे पर प्रकाशित की गयी थी। छह से सात वीडियो इनौग में दिखाई जाएँगी।
इन सबके साथ ही डी.वी.एम् अपना एक प्री-अपोजी इवेंट भी आयोजित करवा रहा है- 'लकुना'।इस वर्ष इस इवेंट में भी काफी बदलाव किये गए हैं। पहले यह रणनीति पर आधारित होता था। इस वर्ष इस इवेंट की थीम है शेरलॉक और पज़ल्स, क्रिप्ट्स और क्लूज़ के साथ एक काल्पनिक कहानी तैयार की गयी है। जहाँ पर शेरलॉक की कहानी समाप्त हुई है इस कहानी को वहीं से आरंभ किया गया है। प्रांजल का कहना है की लोगों को यह काफी दिलचस्प लगेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस इवेंट का पूरा कार्य 15 द्वितीय वर्षीय और 20 प्रथम वर्षीय छात्रों की टीम ने ही किया है।उनका डिपार्टमेंट इस वर्ष अपोजी को रोचक बनाने की कोशिश कर रहा है और सारे डिपार्टमेंट्स बहुत मेहनत कर रहे हैं।उन्हें आशा है कि बिट्स के छात्र भी उतने ही उत्साह के साथ उनका सहयोग करेंगे।