सीमंतीनी हुच्चे-चेस
शतरंज टीम की कप्तान सीमंतीनी हुच्चे ने पापा और बड़े भाई से खेल की बारीकियाँ सीखी हैं। |उनके पापा भी शतरंज में अपनी यूनिवरसिटि का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सीमंतीनी हुच्चे ने अपनी टीम की बारे में बताया कि उनकी टीम की तैयारियां अच्छी चल रही हैं। उनके अनुसार शतरंज खेलने के लिए खेल के प्रति गम्भीरता अहम है। वे बॉसम में, अपनी तीन प्रथम वर्षीय छात्राओं समेत पूरी टीम के अच्छे प्रदर्शन के प्रति आश्वस्त हैं। प्रतियोगिता में इस बार उनकी 3 टीमें भाग ले रही हैं।
1. गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी तीन इवेंट हैं :-
अ) क्लासिकल - प्रत्येक प्रतियोगी को 90 मिनट का समय मिलेगा।
ब) ब्लिट्स - प्रत्येक टीम को 5 मिनट का समय मिलेगा।
स) पज़ल- तीन प्रतियोगियों की टीम को दिए गए समय में कठिन पहेली हल करनी होगी।
2. पूर्व प्रदर्शन - रजत पदक
3. मुख्य प्रतिस्पर्धी – एस.आर.सी.सी.
1. गत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी तीन इवेंट हैं :-
अ) क्लासिकल - प्रत्येक प्रतियोगी को 90 मिनट का समय मिलेगा।
ब) ब्लिट्स - प्रत्येक टीम को 5 मिनट का समय मिलेगा।
स) पज़ल- तीन प्रतियोगियों की टीम को दिए गए समय में कठिन पहेली हल करनी होगी।
2. पूर्व प्रदर्शन - रजत पदक
3. मुख्य प्रतिस्पर्धी – एस.आर.सी.सी.