प्रियान्शु बाजपेई-बेडमिंटन(पुरुष)
हाल ही ORACLE में प्लेसमेंट पा चुके बेडमिंटन कप्तान प्रियान्शु खुशियाँ मनाने और “सरला” में पाए जाने की बजाय अभी भी अपने फॉर्म पर खून-पसीना बहा रहें हैं। टीम के लिए सर्वाधिक मैच जीत चुके तथा पिछले वर्ष भी प्रथम स्थान प्राप्त करवा चुके कैप्टन ने हिन्दी प्रेस क्लब से वार्ता में बताया कि इस वर्ष उन्होंने चार नए छात्रों का चयन अपनी टीम में किया है। जिनमें से तीन प्रथम और एक द्वितीय वर्षीय छात्र है। ऐसा होने के बाद दो दिग्गज खिलाड़ियों की कमी पूरी होने की अपेक्षा है, जो इस BOSM कैम्पस पर नहीं है।
इस वर्ष की तैयारियों के कुछ मुख्य बिन्दु इस प्रकार है-
· वे अपनी टीम के साथ प्रतिदिन चार से पाँच घंटे अभ्यास कर रहे हैं। सभी खिलाड़ी भी निरंतरता बनाए हुए हैं और अभ्यास के प्रति समर्पित हैं।
· BOSM में गत वर्ष ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ पद्धति के कारण श्रीलंका और SRCC कॉलेज जैसी कई बेहतरीन प्रतिद्वंदी टीमों ने रुचि नहीं दिखाई थी। अतः इस वर्ष ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ योजना को लागू किया जाएगा जिसमें हर टीम के लिए दो सिंगल व एक डबल्स मैच आयोजित होंगे।
· नियुक्त कोच रणवीर सिंह राठौड़ के बारे में उन्होंने बताया कि वे बेडमिंटन ( राजस्थान ) में लगातार दस वर्ष तक राज्यस्तरीय विजेता रह चुके है। और वे जल्द ही कार्यभार संभाल खिलाड़ियों का निरीक्षण शुरू करेंगे।
तैयारियों में आ रहीं आम दिक्कतों के बारे में पूछने पर निम्न बातें सामने आयीं-
‘इनवेंटरी’ और कोच समय से न उपलब्ध होने की समस्या मुख्य है । उनके अनुसार अभ्यास हेतु ‘शटल’ एवं कुछ आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी पड़ रही है जिसके बारे में वे बहुत पहले इंचार्ज को भी सूचित कर चूकें हैं। वहीं, कोच भी उन्हे BOSM से कुछ दिन पहले ही उपलब्ध कराया जाता है जो कि उन्हें थोड़ा निराशाजनक प्रतीत होता है।
“हार और जीत इतना महत्व नहीं रखती जितना कि अभ्यास का समय, अनुभव और आनंद रखता है। सभी को इस वक्त का आनंद लेना चाहिये क्योंकि ये हमें हमारे खेल में और भी उत्तम बनाता है।“
इस वर्ष की तैयारियों के कुछ मुख्य बिन्दु इस प्रकार है-
· वे अपनी टीम के साथ प्रतिदिन चार से पाँच घंटे अभ्यास कर रहे हैं। सभी खिलाड़ी भी निरंतरता बनाए हुए हैं और अभ्यास के प्रति समर्पित हैं।
· BOSM में गत वर्ष ‘बेस्ट ऑफ फाइव’ पद्धति के कारण श्रीलंका और SRCC कॉलेज जैसी कई बेहतरीन प्रतिद्वंदी टीमों ने रुचि नहीं दिखाई थी। अतः इस वर्ष ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ योजना को लागू किया जाएगा जिसमें हर टीम के लिए दो सिंगल व एक डबल्स मैच आयोजित होंगे।
· नियुक्त कोच रणवीर सिंह राठौड़ के बारे में उन्होंने बताया कि वे बेडमिंटन ( राजस्थान ) में लगातार दस वर्ष तक राज्यस्तरीय विजेता रह चुके है। और वे जल्द ही कार्यभार संभाल खिलाड़ियों का निरीक्षण शुरू करेंगे।
तैयारियों में आ रहीं आम दिक्कतों के बारे में पूछने पर निम्न बातें सामने आयीं-
‘इनवेंटरी’ और कोच समय से न उपलब्ध होने की समस्या मुख्य है । उनके अनुसार अभ्यास हेतु ‘शटल’ एवं कुछ आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था उन्हें स्वयं करनी पड़ रही है जिसके बारे में वे बहुत पहले इंचार्ज को भी सूचित कर चूकें हैं। वहीं, कोच भी उन्हे BOSM से कुछ दिन पहले ही उपलब्ध कराया जाता है जो कि उन्हें थोड़ा निराशाजनक प्रतीत होता है।
“हार और जीत इतना महत्व नहीं रखती जितना कि अभ्यास का समय, अनुभव और आनंद रखता है। सभी को इस वक्त का आनंद लेना चाहिये क्योंकि ये हमें हमारे खेल में और भी उत्तम बनाता है।“